यूपी में संविदा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की नियुक्तियों पर मुहर, डिटेल्स पढें UP Outsourcing

UP Outsourcing Samvifa Notification : उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी पक्की करने को लेकर एक खबर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। कई X पोस्ट्स और व्हाट्सएप ग्रुप्स में दावा किया जा रहा है कि यूपी सरकार ने 1.5 लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मचारियों को स्थायी करने की नीति की घोषणा की है, और यह फैसला 15 अगस्त 2025 को लागू हो गया। कुछ पोस्ट्स में कहा गया कि यह नीति विभिन्न विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए लागू होगी, जबकि अन्य में तकनीकी समस्याओं या नीतिगत देरी के कारण इसकी शुरुआत में रुकावट की बात कही गई। इन खबरों ने उन लाखों कर्मचारियों में उम्मीद और भ्रम दोनों पैदा कर दिए हैं, जो स्वास्थ्य, शिक्षा, और अन्य सरकारी विभागों में आउटसोर्स आधार पर काम कर रहे हैं। हमने इन दावों की गहराई से जांच की और आधिकारिक जानकारी के आधार पर तथ्यों को आपके सामने रख रहे हैं।

UP Outsourcing आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी पक्की करने की हकीकत

हमारी पड़ताल के अनुसार, यूपी सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों को स्थायी करने की कोई नई नीति 15 अगस्त 2025 तक आधिकारिक तौर पर घोषित नहीं की है। हालांकि, 12 फरवरी 2025 को विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बयान में कहा था कि सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक नीति पर विचार कर रही है, जिसमें उनकी सेवाओं को नियमित करने और बिचौलियों से मुक्ति दिलाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे। यह बयान विभिन्न समाचार पत्रों और X पर उपलब्ध है, लेकिन अभी तक इस नीति का कोई आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है। यूपी सरकार की वेबसाइट और संबंधित विभागों (जैसे श्रम विभाग और कार्मिक विभाग) पर 12 अगस्त 2025 तक कोई ऐसी पुष्टि नहीं मिली कि 1.5 लाख कर्मचारियों को स्थायी करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

कुछ X पोस्ट्स में दावा किया गया कि यह नीति स्वास्थ्य विभाग के 40,000 कर्मचारियों और शिक्षा विभाग के 50,000 कर्मचारियों के लिए लागू होगी। हमारी जांच में पाया गया कि ये दावे अतिशयोक्तिपूर्ण हैं और संभवतः 2023 में शुरू हुई एक समान नीति से प्रेरित हैं, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के कुछ आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने की बात थी। इसके अलावा, कुछ पोस्ट्स में 15 अगस्त 2025 को नीति लागू होने की बात कही गई, जो भ्रामक है। सरकार ने केवल नीति पर विचार की बात कही है, और इसे लागू करने के लिए एक कैबिनेट सब-कमेटी का गठन किया गया है, जिसकी बैठक 27 अगस्त 2025 को प्रस्तावित है।

UP Outsourcing वायरल खबरों का कारण

आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी पक्की करने की अफवाहें कुछ अनौपचारिक वेबसाइट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स से शुरू हुईं, जिन्होंने बिना पुष्टि के बड़े पैमाने पर स्थायीकरण का दावा किया। कुछ X पोस्ट्स में फर्जी नोटिफिकेशन साझा किए गए, जिनमें 1.5 लाख कर्मचारियों को तत्काल स्थायी करने की बात थी। इसके अलावा, 2023 में यूपी सरकार द्वारा 10,000 आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमित करने की पुरानी खबर को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। हाल ही में हिमाचल प्रदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए हाईकोर्ट द्वारा भर्ती पर रोक हटाने की खबर ने भी भ्रम बढ़ाया, क्योंकि कुछ लोगों ने इसे यूपी से जोड़ दिया। सरकार ने स्पष्ट किया कि नीति पर विचार चल रहा है, लेकिन कोई अंतिम फैसला अभी तक नहीं लिया गया है।

ताजा अपडेट: आउटसोर्स कर्मचारियों की स्थिति

यूपी में आउटसोर्स कर्मचारियों की स्थिति और नीति से संबंधित नवीनतम अपडेट्स इस प्रकार हैं:

  • नीति की स्थिति: 12 फरवरी 2025 को मुख्यमंत्री ने विधानसभा में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति पर विचार की बात कही। कैबिनेट सब-कमेटी 27 अगस्त 2025 को इस पर चर्चा करेगी, और अंतिम फैसला 28 अगस्त 2025 को कैबिनेट बैठक में संभावित है।
  • लाभार्थी: नीति स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य विकास, और नगर निगम जैसे विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों (लगभग 1.2-1.5 लाख) को कवर कर सकती है।
  • प्रस्तावित लाभ: बिचौलियों (आउटसोर्सिंग एजेंसियों) को हटाकर सीधे विभागों के तहत नियुक्ति, न्यूनतम वेतन गारंटी (₹15,000-20,000 प्रति माह, पद के आधार पर), और EPF/ESIC जैसे लाभ।
  • पात्रता: कम से कम 3-5 वर्ष की निरंतर सेवा, आधार-लिंक्ड दस्तावेज, और संबंधित विभाग में कार्यरत होना।
  • प्रक्रिया: नीति लागू होने पर कर्मचारियों को विभागीय पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। सत्यापन के बाद नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी।
  • नया अपडेट: जुलाई 2025 में सरकार ने 5,000 आउटसोर्स कर्मचारियों (स्वास्थ्य और शिक्षा) के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया, जिसके परिणामों के आधार पर नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।

कर्मचारियों के लिए सलाह

आउटसोर्स कर्मचारियों और इस नीति की प्रतीक्षा कर रहे लोगों के लिए कुछ जरूरी सुझाव:

  • केवल आधिकारिक स्रोतों, जैसे यूपी सरकार की वेबसाइट (up.gov.in) या संबंधित विभागों (श्रम, स्वास्थ्य, शिक्षा) से जानकारी लें। फर्जी नोटिफिकेशन और अनौपचारिक स्रोतों से सावधान रहें।
  • आधार कार्ड, सेवा प्रमाणपत्र, और बैंक खाता विवरण जैसे दस्तावेज तैयार रखें।
  • नियमितीकरण के लिए पंजीकरण शुरू होने पर अपने विभाग या नजदीकी CSC केंद्र से संपर्क करें।
  • कैबिनेट सब-कमेटी की बैठक (27 अगस्त 2025) और कैबिनेट निर्णय (28 अगस्त 2025) पर नजर रखें।
  • आउटसोर्सिंग एजेंसियों के दबाव या फर्जी वादों से सावधान रहें।
  • पायलट प्रोजेक्ट में शामिल कर्मचारी अपने विभाग से प्रगति की जानकारी लें।

यूपी सरकार का विजन

यूपी सरकार का लक्ष्य आउटसोर्स कर्मचारियों को बिचौलियों से मुक्ति दिलाकर उनकी सेवाओं को नियमित करना और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। यह नीति न केवल कर्मचारियों के लिए स्थिरता लाएगी, बल्कि सरकारी विभागों में कार्यकुशलता भी बढ़ाएगी। पायलट प्रोजेक्ट के शुरुआती परिणाम सकारात्मक हैं, और सरकार इसे पूरे राज्य में लागू करने की दिशा में काम कर रही है। यह कदम 1.5 लाख कर्मचारियों के लिए एक नई शुरुआत हो सकता है।

यूपी संविदा भर्ती मुख्य बातें

यूपी में आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी पक्की करने की वायरल खबरें, खासकर 15 अगस्त 2025 को नीति लागू होने की बात, भ्रामक और बिना पुष्टि की हैं। वास्तव में, सरकार नीति पर विचार कर रही है, और कैबिनेट सब-कमेटी 27 अगस्त 2025 को इस पर चर्चा करेगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत 5,000 कर्मचारियों का नियमितीकरण शुरू हो चुका है, जो नीति के लिए सकारात्मक संकेत है। कर्मचारियों को सलाह है कि वे फर्जी खबरों से सावधान रहें, केवल आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें, और पंजीकरण की तैयारी रखें। यह नीति लाखों कर्मचारियों के लिए स्थायी रोजगार का अवसर हो सकती है। हम इस विषय पर नजर रखे हुए हैं, और नए अपडेट्स आते ही आपको सूचित करेंगे। तब तक, सही जानकारी के साथ आगे बढ़ें और अपने हक के लिए तैयार रहें!

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